Computer generation history in Hindi – कंप्यूटर की पीढ़ी
कंप्यूटर को बनाने और उसमें अलग-अलग डिवाइसेस लगाना उन्हें और बेहतर बनाने
के प्रकिया कंप्यूटर जनरेशन कहलाता है | जिस तरह के कंप्यूटर का उपयोग आज
आप अपने कामों में कर रहे है यह शुरू से एसा नहीं है | इसे आज की कंप्यूटर
का रूप देने में बहुत समय लगा है | पहले के कंप्यूटर बहुत बड़े होते थे |
इसमें बिजली की खपत भी काफी होती थी, और इसमें स्टोर करने की क्षमता बहुत
कम था | पहले के कंप्यूटर में काम इतना जल्दी नहीं होता था | इसलिए इसमें
बदलाव करके इसे और तेज और मददगार बनाया गया, और इसमें कई बार बहुत से
मशीनें का बदलाव किया गया | जिन्हें हम कंप्यूटर जनरेशन कहते हैं |
First Generation Computer –पहली पीढ़ी के कंप्यूटर
1942 – 1955
इस
पीढ़ी के कंप्यूटर बहुत बड़े होते थे | इसमें वैकयूम ट्यूब (Vacuum Tube )
लगे हुए थे | जिनके कारण यह कंप्यूटर बहुत गर्मी पैदा करती थी | इस पीढ़ी के
कंप्यूटर में ऑपरेटिंग सिस्टम नहीं था | इसमें चलाने वाले प्रोग्राम्स को
पंचकार्ड में स्टोर करके रखा जाता था | इन कंप्यूटरों को चलाने के लिए
मशीनी भाषा का उपयोग किया जाता था | इस पीढ़ी के कंप्यूटर में डाटा स्टोर
करने की क्षमता बहुत कम होती थी |
Second Generation Computer –दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटर
1956 – 1963
इस
पीढ़ी में ट्रांजिस्टर का अविष्कार हुआ, और अब कंप्यूटर में वैकयूम ट्यूब
(Vacuum Tube) की जगह ट्रांजिस्टर का उपयोग किया गया | ट्रांजिस्टर वैकयूम
ट्यूब (Vacuum Tube ) से काफी छोटे होते थे | इस पीढ़ी में डाटा स्टोर करने
के लिए ड्रम का उपयोग किया गया | अब कंप्यूटर की गणना करने की स्पीड भी
थोड़ी तेज हो गयी थी | ट्रांजिस्टर का उपयोग करने से कंप्यूटर कम गर्मी पैदा
करने लगी | इस पीढ़ी में मशीनी भाषा COBOL और FORTRAN का उपयोग हुआ |
Third Generation Computer –तीसरी पीढ़ी के कंप्यूटर
1964 – 1975
तीसरी
पीढ़ी में और विकास किया गया | अब कंप्यूटर में ट्रांजिस्टर भी हटा दिया
गया, ट्रांजिस्टर की जगह अब इंटीग्रेटेड सर्किट (Integrated Circuit) यानि
आईसी का उपयोग किया गया | इस पीढ़ी में कंप्यूटर का आकर भी काफी छोटा कर
दिया गया | अब कंप्यूटर की गति स्केल इंटीग्रेटेड सर्किट के द्वारा माइक्रो
सेकंड से नेनो सेकंड तक की हो गई | तीसरी पीढी में उच्च स्तरीय भाषा
पास्कल और बेसिक का भी विकास हुआ।
Fourth Generation Computer –चोथी पीढ़ी के कंप्यूटर
1967-1989
इस
पीढ़ी में माइक्रोप्रोसेसर का उपयोग किया गया | अब कंप्यूटर की गति तेज हो
गई और अब गर्मी पैदा होने का समस्या भी ख़त्म हो गई | इस पीढ़ी में LAN और
WAN नेटवर्क का भी विकास हुआ | इस पीढ़ी में ऑपरेटिंग सिस्टम भी आ गया |
चोथी पीढ़ी में ही पहली बार यूजर का परिचय ऑपरेटिंग सिस्टम से हुआ | इसमें
ऑपरेटिंग सिस्टम डॉस (CMD) का उपयोग किया गया | कुछ समय बाद इसमें
माइक्रोसॉफ्ट का विंडो भी आया, तभी मल्टीमीडिया का भी विकास हो गया | इसी
समय कंप्यूटर प्रोग्रामिंग यानि C भाषा का भी विकास हुआ | इसकी मदद से अब
प्रोग्रामिंग करना भी सरल हो गया | लेकिन विकास अभी भी हो रहा था |
Fifth Generation Computer – पांचवीं पीढ़ी के कंप्यूटर
1989 से अब तक
इस
पीढ़ी में Ultra Large-Scale Integration (ULSI) यानि यूएलएसआई, ऑप्टीकल
डिस्क जैसी चीजों का प्रयोग किया गया | इस पीढ़ी के कंप्यूटर छोटे और काम
करने में तेज हो गये | इस पीढ़ी में इन्टरनेट, ईमेल, WWW का भी विकास हुआ |
इस पीढ़ी में माइक्रोसॉफ्ट विंडो XP से यूजर का परिचय हुआ | खोज अभी भी जारी
है, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artificial Intelligence) पर जोर दिया जा रहा
है।

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